करुणा से भरके खिले
दो कमल नयन
प्रेम की नदियों से छलके
दो मधुर वचन
वो कमल नयना
वो मधुर वचना
तू सुख का कारन
हर कष्ट निवारण
चंदा की रोशनी
है तेरी परछाइयाँ
गुलाबोंसी रंगीन
लाबों की पंखुड़ियाँ
वो कमल नयना
वो मधुर वचना
तू सुख का कारन
हर कष्ट निवारण
दुःख की झीलों में
खिलता चला
हाथो की रेखावों में
तारो सा सजता चला
अहोभाग्य का तू शिखर प्रभु
मैं नमन तेरे चरणों में देखु
वो कमल नयना
वो मधुर वचना
तू सुख का कारन
हर कष्ट निवारण
- रानमोती / Ranmoti
Manasmesmarana Govinda Vyankatramna Govinda
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