Search This Blog

Tuesday, October 26, 2021

राजन्य

 
 
तुझे सुशोभित करके सृष्टीने
खुदको नवाजा हिरे मोती से
तू चिंगारी है जीवन शांती की
नमन है राजन्य तेजोमय धरती से

अनंत प्रफुल्लित विशालता
शायद कोई ना माप सका
तुही सच्चा ईश्वर धरतीपर
इन्सान ना कोई जान सका

तेरे हर बात का प्रत्यय है
शंका की कोई जगह नही
तुने जो बताया वो सत्य है
कुछ और सोचने की वज़ह नही

तु निरंतर स्थिर कृतीशील है
सर्व समायोजित तेरे पंचशील है
श्रद्धा स्थान पर तुही प्रस्थापित है
बदले नाम पर मूर्तिस्वरूप तुही है

त्रिदेव बन तुही अवतरीत होता है
ज्ञान तेरा हर काल मे भाता है
तु जमीन के अंदर सुरक्षित है
तुही भारत था ये अब सुनिश्चित है

राजीवपद से धरती तीर्थरुप है
तु एक ही है जिसे खोजा जा सकता है
बाकियो को तो बस चिरकाल
कल्पना मे सोचा जा सकता है

- रानमोती / Ranmoti




 
 

गुरु ज्ञान तेरा वरदान

गुरु ज्ञान तेरा वरदान
हो जाये मंगल ध्यान
मै ना जानू परमात्मा
गुरु तुही बना आत्मा
आशीष तेरा कर दे पावन
स्थिर बने दे चंचल मन
गुरु ज्ञान तेरा वरदान
हो जाये मंगल ध्यान

धरा पर नन्हे बालक सारे
कल बनेंगे आसमाँ के तारे
सीख का तेरी करके जतन
बनाएंगे खुशियाल ये वतन
गुरु ज्ञान तेरा वरदान
हो जाये मंगल ध्यान

******

- रानमोती / Ranmoti


Recent Posts

क्या सागर, क्या किनारा।

सागर की लहरे, एक छोटे कंकड को बडी तेजी से उछल उछल कर किनारे तक ले जा रही थी। उस कंकड को बडी खुशी हुई, ये सोचकर कि मै इन लहरो के किसी काम का ...

Most Popular Posts