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Monday, July 11, 2022
आनंद गगनात...
Monday, July 4, 2022
प्रकाश : विज्ञान और आध्यात्म
- प्रकाश दिखने में तो एक सफ़ेद किरण जैसी है। लेकिन उसे जब किसी पारदर्शक पिरामिड से पार किया जाये तो, उसके अंदर छिपे सात रंग उजागर होकर हमें रंगीन किरण दिखने लगती है।
- प्रकाश की किरण हमेशा सीधी रेशा में भ्रमण करती है।
- प्रकाश की गति ब्रम्हांड की सबसे तेज गति है।
- प्रकाश एक तरंग है जो बिना किसी माध्यम के भी स्पेस यात्रा कर सकती है।
- अगर कोई इंसान प्रकाशमई है या बुद्धत्व को प्राप्त है, तो वो सामान्य मनुष्य को तो देखने में वो एक साधारण सा एक जिव लगेगा। लेकिन महापुरुष को समझने के लिए हमें पारदर्शक पिरामिड के दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी तब जाकर हम उसके महानतम या प्रकाशमय गुणों को समझ सकेंगे।
- बुद्धत्व को प्राप्त इंसान हमेशा सत्य के मार्ग की सीधी राह पर चलेगा प्रकाश की तरंग जैसा।
- सिद्ध आत्मा के दिये भौतिक जीवन या शरीर में कोई भेद न देखकर वह सूक्ष्मतम शरीर की भाती सबको एक समान तरंग की तरह देखेगा और मानेगा।
- जिसने अपने बुद्धि की सारे दरवाजे खोले है, वो सबसे गतिमान होगा, क्योंकि उसे रोकने या सोचने की कोई वजह ना होगी, वो हर चीज से वाकिब हो चूका होगा।
- जहा यात्रा करने का कोई माध्यम (हवा, पानी या धातु) उपलब्ध नहीं होगा तब भी वो अपने आप को सबसे गतिमान यात्री पायेगा। विज्ञानं कीभाषा में हम उसे होलोग्राम कहते है।
Wednesday, June 29, 2022
सुर्खियां..

सुना है जालिमो ने वाह वाह है बटोरी
सत्ता धन और बचाव के लालच में
जुल्म के गुलामी की हाथ ली कटोरी
बेबुनियाद वक्त बेदर्द बढ़ता गया
कोई खुर्सी से दुःख से उतर गया
तो कोई खुशी से ऊपर चढ़ता गया
लाचार जनता चुपचाप सहती रही
जिल्लत लगी नहीं बस घुटन बढ़ती गई
बारिश आई और भिगोंके चली गई
कब तक छुपोगे कर्मो से अपने
कब तक जिओगे झूठे सपने
एक दिन मौत बेरहम हो जाएगी
सत्ता ताकत एक संग जल जाएगी
बाकी रहेगी तो बस एक बात
सुर्खियां सुर्खियां सुर्खियां और बस
खुर्सियों की सुर्खियां
- रानमोती / Ranmoti
Sunday, June 26, 2022
कागजनामा

मृत्यु पश्चात् भी उतर ना पाया
जीवन सरल बनाने की कोशिश में
खुद ही कागज में उलझ गया
नियम इतने भारी भक्कम थे
याद कर के भी रख ना पाया
अवसर इतने लजीज थे
भूल भूल कर भी भूल ना पाया
कागज का सफ़ेद काला खेल
ख़ुशी से कभी ना खाता मेल
जीवन कागज के डिब्बे की रेल
सवार ना हो सका वो यात्री फेल
आंधी हो या तूफान सहता रहा घाव
जीवन सागर तो कागज नाँव
जो चल सका उसका बेडा पार
जो रुक गया उसकी नैय्या दरकिनार
- रानमोती / Ranmoti
Wednesday, June 8, 2022
तू रूप शब्द का
Tuesday, June 7, 2022
विजयी हो..
जय जयकार हो
तू इच्छा पूर्तिका
अखंड स्त्रोत बने
यही जन-जन जीवन की
मनोकामना हो
विजयी हो, विजयी हो, विजयी हो.....
पवित्र निर्मल चरित्र की
तू मिसाल हो
सागर सा विराट
सूर्य सा प्रखर तेज बने
विद्वान् भी दर्शन ले
वो तू मूरत हो
धरा पर तेरी ही विजय का
महाप्रलय हो
विजयी हो, विजयी हो, विजयी हो
मुस्कान से तेरे मिटे दुःख
सुख की अनुभूति हो
कुबेर से परे धनवान
तेरा साम्राज्य बने
हर कोई सुनना चाहे
वो तू पुकार हो
धरा पर तेरी ही विजय की
मनोधारणा हो
विजयी हो, विजयी हो, विजयी हो
निष्काम कर्म से चेहरा तेरा
अधोरेखित हो
तू बने किरण होने की
ना होने की
कोई वजह ना हो
हर दिल को पसंद आये
वो तू मोहब्बत हो
धरा पर तू ही परमसत्य
बस यही, सन्मान हो
विजयी हो, विजयी हो, विजयी हो
- रानमोती / Ranmoti
Tuesday, May 3, 2022
सम्राट
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तपता सोना काया धारी
अदम्य साहस सीना ताने
शांत स्वरुप एकाग्र चित्त
बुद्धि चातुर्य का वो नाथ
चंद्र चंद्र गगन करता नाद
मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट
जय मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट
किलकारी असीम वीरता की
अखंड सोच की तलवार
समर्पण का है वो द्योता
कभी ना झुका उसका माथा
काल का जो कपाल चीरता
नियति का भी खेल बदलता
चंद्र चंद्र गगन करता नाद
मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट
जय मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट
उसके पदचिन्ह की धूल
उड़ेगी बनकर तूफान
कोई न टकरा पायेगा
वह फिर से सजकर आएगा
आँखों में भविष्य के फूल खिलेंगे
भारतवर्ष को अपने सम्राट मिलेंगे
संगम का वह उत्सव होगा
स्वरगीतपर एक ही नाम होगा
चंद्र चंद्र गगन करता नाद
मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट
जय मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट
फिर से सरिताए बहेगी खुशी से
अभिषेक होगा पावन तीर्थ से
फूलो की वरमाला लेकर खड़े
रहेंगे सब एक होकर जुड़े
शब्द बनेंगे उसकी मुस्कान
लौटेगी खुशयाली की शान
प्रजा करेगी सुख से राज
सृष्टि में प्रिय राजाधिराज
चंद्र चंद्र गगन करता नाद
मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट
जय मौर्य चन्द्रगुप्त सम्राट
- रानमोती / Ranmoti
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